भुवनेश्वर/बालासोर। ओडिशा के बालासोर में B.Ed सेकंड ईयर की छात्रा अपराजिता की संदिग्ध मौत मामले में UGC (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) की 4 सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी शुक्रवार को कॉलेज पहुंची। यह टीम छात्रा द्वारा लगाए गए यौन शोषण के गंभीर आरोपों की जांच कर रही है।
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| तस्वीर 12 जुलाई की है, जब छात्रा ने कॉलेज कैंपस में खुद को आग लगाई थी। |
कमेटी में प्रो. राजकुमार मित्तल (लीडर), प्रो. सुषमा यादव, डॉ. नीरजा गुप्ता और UGC की संयुक्त सचिव असीमा मंगला शामिल हैं। कमेटी ने सबसे पहले कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल फिरोज कुमार पाधी से मुलाकात की। इसके बाद वे इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (ICC) के सदस्यों और B.Ed डिपार्टमेंट के छात्रों से भी मिले।
🔍 अपराजिता ने खुद को लगाई थी आग
12 जुलाई को 20 वर्षीय अपराजिता ने कॉलेज कैंपस में खुद पर केरोसीन छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया था। वह अपने HOD समीर कुमार साहू पर यौन उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए बेहद तनाव में थी। 95% तक झुलसी अपराजिता की मौत 14 जुलाई की रात भुवनेश्वर AIIMS में इलाज के दौरान हो गई।
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| तस्वीर 12 जुलाई की है, कॉलेज कैंपस में कई छात्र थे, जो जलती हुई छात्रा को देखकर भागने लगे थे। |
🚨 ICC पर गंभीर लापरवाही के आरोप
मृतक छात्रा के पिता ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन और ICC ने अपराजिता की कोई मदद नहीं की। उन्होंने बताया कि बेटी ने कई बार शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसी लापरवाही ने उसे यह कदम उठाने पर मजबूर किया।
| पुलिस ने आरोपी HOD समीर कुमार साहू को 12 जुलाई को ही गिरफ्तार किया है। |
👮♀️ पुलिस और क्राइम ब्रांच की सक्रियता
ओडिशा पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने अपराजिता के गांव जाकर माता-पिता और भाई से मुलाकात की। CBI IG एस शाइनी और DSP इमान कल्याण नायक ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया। पुलिस ने पेट्रोल पंप का CCTV फुटेज भी कलेक्ट किया, जहां से अपराजिता ने कथित तौर पर पेट्रोल खरीदा था।
🧾 मेडिकल एविडेंस और चश्मदीद का बयान
CBI की टीम ने 17 जुलाई को कटक के SBC मेडिकल कॉलेज पहुंचकर ज्योतिप्रकाश बिस्वाल का बयान दर्ज किया। उन्होंने अपराजिता को जलते हुए बचाने की कोशिश की थी, जिसमें वह स्वयं भी 15% झुलस गए थे।
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| तस्वीर 12 जुलाई की है। ज्योतिप्रकाश बिस्वाल का SBC अस्पताल में इलाज जारी है। |
📣 अपराजिता की सहेली का बड़ा दावा
अपराजिता की एक सहेली ने बताया कि HOD ने खुद को बचाने के लिए 300 से ज्यादा छात्रों को अपने पक्ष में खड़ा कर लिया था, जिससे अपराजिता और भी टूट गई थी।
📚 एग्जाम से वंचित करने का आरोप
एक ICC मेंबर ने खुलासा किया कि HOD समीर ने कम उपस्थिति के आधार पर 29 जून को अपराजिता को सेमेस्टर एग्जाम देने से भी रोक दिया था, जबकि नोटिस में 9 छात्र-छात्राओं का नाम था, पर बाकी 8 ने एग्जाम दिया।
✅ निष्कर्ष
यह मामला केवल एक छात्रा की आत्महत्या नहीं, बल्कि संस्थागत लापरवाही और यौन उत्पीड़न के आरोपों की गूंज है, जिसकी जांच अब देश की सबसे बड़ी एजेंसियों के हाथ में है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में जांच से क्या सामने आता है।
छात्रा डेथ केस की टाइमलाइन...



