नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि किसी भी नेता की पहली वफादारी देश के प्रति होनी चाहिए, पार्टी के प्रति नहीं। शनिवार को कोच्चि में 'शांति, सद्भाव और राष्ट्रीय विकास' विषय पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह बात कही।
थरूर ने कहा कि पार्टियां केवल रास्ता हैं, देश को बेहतर बनाने का जरिया हैं। जब देश ही नहीं बचेगा तो पार्टियां किस काम की? ऐसे में जब देश की सुरक्षा का सवाल हो, तो सभी दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए।
"देशहित में काम करना गद्दारी नहीं है, राजनीति में मुकाबला चलता रहता है लेकिन मुश्किल समय में एकता जरूरी है।" – शशि थरूर
मोदी की विदेश नीति की तारीफ पर कांग्रेस में नाराजगी
हाल ही में शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की प्रशंसा की और ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन किया था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी में नाराजगी देखी गई।
10 जुलाई: इमरजेंसी को बताया काला अध्याय
थरूर ने मलयालम अखबार 'दीपिका' में इमरजेंसी को भारतीय इतिहास का काला अध्याय बताया और नसबंदी अभियान को 'क्रूर' करार दिया।
23 जून: थरूर ने कहा- मोदी की ऊर्जा भारत की संपत्ति
'द हिंदू' में लिखे लेख में थरूर ने मोदी की वैश्विक मंच पर ऊर्जा और गतिशीलता की तारीफ की। कांग्रेस ने इसे उनकी व्यक्तिगत राय बताया।
खड़गे का तंज- कुछ लोगों के लिए मोदी फर्स्ट
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, "पूरे विपक्ष ने आर्मी का समर्थन किया, हमारे लिए देश पहले है, लेकिन कुछ लोगों के लिए मोदी फर्स्ट हैं।"
थरूर की सफाई
मॉस्को में थरूर ने कहा- "मेरी नजर में विदेश नीति केवल राष्ट्रीय हित की होनी चाहिए, न कि किसी पार्टी की।"
कांग्रेस का विरोध: विदेश नीति असफल
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार की विदेश नीति पूरी तरह विफल रही है और भारत वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ गया है।
रिपोर्ट : अमीन सिसगर | Zordaar Headlines
