इंदौर: एमवायएच में दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान डॉक्टर्स को रोबोटिक सर्जरी का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें संभाग के 70 से 80 डॉक्टर्स शामिल हुए। प्रशिक्षण एसोसिएशन सर्जन ऑफ इंडिया इंदौर चैप्टर और एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
- 15 से 20 करोड़ की लागत वाली मशीन से हुआ प्रशिक्षण
- 70-80 डॉक्टर्स ने लिया प्रशिक्षण
- सटीक सर्जरी, कम रक्तस्राव व संक्रमण का कम खतरा
हालांकि प्रशिक्षण जारी है, लेकिन जिन मॉड्यूलर ओटी में यह सुविधा शुरू की जानी थी, वह दो साल से शुरू नहीं हो सकीं। पानी रिसाव जैसी गंभीर समस्याएं अभी भी मौजूद हैं, जिससे करोड़ों खर्च के बाद भी ओटी उपयोग में नहीं आ पा रही।
7 करोड़ की लागत, लेकिन ओटी बेकार
एमवायएच की पहली मंजिल पर बने 9 मॉड्यूलर ओटी में कई जगह छत और दीवारों से पानी रिस रहा है। इससे फंगल इंफेक्शन का खतरा है। मरम्मत के बाद भी दीवारों पर सीलन बनी हुई है। सभी ऑपरेशन अब भी पुराने तल मंजिल की ओटी में ही किए जा रहे हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
“रोबोटिक सर्जरी को लेकर हमने प्रस्ताव भेजा है। ओटी में रिसाव की समस्या काफी हद तक ठीक हो गई है। अब निरीक्षण कर तय करेंगे कि एमवायएच या सुपर स्पेशियलिटी में सुविधा दी जाए।”
- डॉ. अशोक यादव, अधीक्षक, एमवायएच
रोबोटिक सर्जरी के लाभ
- छोटे चीरों से ऑपरेशन
- सटीकता और नियंत्रण अधिक
- कम रक्तस्राव और संक्रमण
- 30 गुना अधिक स्पष्ट दृष्टि
- गायनिक, यूरोलॉजी, हृदय, और गैस्ट्रो ऑपरेशन में उपयोगी
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया के अनुसार, हैंड-ऑन ट्रेनिंग और व्याख्यान के जरिए डॉक्टर्स को प्रशिक्षण दिया गया। इससे भविष्य में आधुनिक सर्जरी को नई दिशा मिलेगी।
