इजराइली हमले में बाल-बाल बचे ईरानी राष्ट्रपति पजशकियान, जानलेवा साजिश नाकाम

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ईरान के राष्ट्रपति ने 7 जुलाई को अमेरिकी पत्रकार टकर कार्लसन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि इजराइल ने उन्हें मारने की कोशिश की थी।

तेहरान (ईरान): ईरान और इजराइल के बीच बीते महीने हुई 12 दिन की जंग के दौरान एक बेहद सनसनीखेज घटना सामने आई है। 16 जून को इजराइल ने तेहरान के पश्चिमी इलाके में स्थित एक इमारत पर मिसाइल हमला किया, जिसमें ईरानी राष्ट्रपति मसूद पजशकियान घायल हो गए। यह जानकारी ईरानी न्यूज एजेंसी फार्स ने दी है।

सूत्रों के मुताबिक, जिस वक्त यह हमला हुआ, उस समय इमारत में ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी कैबिनेट की बैठक चल रही थी। इसमें राष्ट्रपति के अलावा संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर गालिबाफ, न्यायपालिका प्रमुख गुलाम-हुसैन मोहसेनी एजेई समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

🔸 साजिश थी दम घोंटकर मारने की

फार्स की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल ने इस हमले में 6 मिसाइलें दागीं। टारगेट केवल इमारत ही नहीं, बल्कि उसकी वेंटिलेशन प्रणाली और एग्ज़िट पॉइंट्स थे, ताकि अंदर मौजूद लोगों को दम घोंटने वाले माहौल में फंसा कर मारा जा सके – ठीक वैसे ही जैसे 1 अक्टूबर 2024 को बेरूत में हिज़बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को मारा गया था।

नसरल्लाह की मौत भी ज़हरीले धुएं में दम घुटने से हुई थी। इजराइल ने वैसी ही रणनीति राष्ट्रपति पजशकियान के लिए अपनाई, लेकिन इस बार वह नाकाम रहा।

🔹 इमरजेंसी गेट ने बचाई जान, राष्ट्रपति घायल

हमले के तुरंत बाद इमारत की बिजली काट दी गई, लेकिन पहले से बनाए गए एक इमरजेंसी एग्ज़िट के जरिए राष्ट्रपति और अन्य अधिकारी बाहर निकलने में सफल रहे। इस दौरान राष्ट्रपति पजशकियान के पैर में चोट आई, जबकि अन्य अधिकारियों को भी मामूली चोटें लगीं।

🟠 राष्ट्रपति बोले – इजराइल मुझे मारना चाहता था

7 जुलाई को अमेरिकी पत्रकार टकर कार्लसन को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति पजशकियान ने कहा –
"इजराइल ने जासूसों की मदद से बैठक की जगह का पता लगाया और उस पर हमला किया। लेकिन वे मुझे मारने में असफल रहे।"

🟤 जांच में जुटा ईरान – कौन लीक कर रहा जानकारी?

फार्स एजेंसी का दावा है कि इजराइल को जिस सटीकता से इमारत की जानकारी थी, वह चौंकाने वाली है। ईरानी खुफिया एजेंसियां अब यह जांच कर रही हैं कि कहीं हमला अंदरूनी गद्दारी का नतीजा तो नहीं।

हालांकि हमले की लोकेशन का आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन स्वतंत्र मीडिया संस्था ईरान इंटरनेशनल का कहना है कि हमला शाहरक-ए-गर्ब इलाके की एक इमारत पर हुआ था।


🔴 12 दिन की जंग में कई वैज्ञानिक मारे गए

इस 12 दिन के युद्ध में इजराइल ने ईरान के कई टॉप सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया। बताया गया कि यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर 60 दिन की डेडलाइन देने के एक दिन बाद शुरू हुआ था।

22 जून को अमेरिका ने भी नतांज, फोर्डो और इस्फहान जैसे परमाणु ठिकानों पर हमला किया। इसके दो दिन बाद अमेरिका की मध्यस्थता से सीज़फायर लागू हुआ और युद्ध थम गया।

🔵 अमेरिका और इजराइल की बड़ी रणनीति

युद्ध के बाद ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने अमेरिकी और इजराइली सेनाओं को सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को मारने से रोका। वहीं, इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा कि खामेनेई को मारने की योजना थी, लेकिन वे जमीन के नीचे कहां छिपे हैं, यह पता नहीं चल पाया

निष्कर्ष: युद्ध का असली निशाना – नेतृत्व

ईरान-इजराइल के बीच यह युद्ध केवल सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि नेतृत्व को खत्म करने की खुली कोशिश की गई। राष्ट्रपति पजशकियान पर जानलेवा हमला इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। आने वाले समय में यह संघर्ष किस मोड़ पर जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

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