इंदौर शहर की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान सवालों की झड़ी लगा दी। कोर्ट ने ट्रैफिक, सिग्नल, ई-रिक्शा, डिलीवरी बॉय, पुलिस की भूमिका और सड़क सुरक्षा जैसे 10 अहम बिंदुओं पर प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया।
🚦 समस्या की जड़: धैर्य की कमी और अनियमित सिग्नल
कोर्ट ने टिप्पणी की कि आज की सबसे बड़ी परेशानी लोगों में धैर्य की कमी है। कोई भी व्यक्ति 120-180 सेकंड की रेड लाइट का इंतजार नहीं करना चाहता। अधिकारियों से पूछा गया कि ट्रैफिक लाइटें कितनी जगह लगी हैं और कितनी काम कर रही हैं।
| मुद्दा | स्थिति |
|---|---|
| ट्रैफिक सिग्नल | 85 लगे, कुछ खराब |
| ब्लैक स्पॉट | 16 स्थान |
| ट्रैफिक पुलिस | 467 जवान, 121 चौराहे |
| लेफ्ट टर्न | 96 (24 चौराहों पर) |
| फुटओवर ब्रिज | 4 प्रस्तावित |
| स्पीड ब्रेकर | 53 नए |
| पार्किंग जोन | 14 चिन्हित |
👮♂️ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
वरिष्ठ वकील अजय बागड़िया ने कोर्ट में कहा कि पुलिसकर्मी ड्यूटी पर होकर भी साइड में मोबाइल देखते रहते हैं। कोर्ट ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि कुछ जगहों पर तैनात जवान ट्रैफिक नियंत्रण में पूरी तरह से फेल हैं।
📊 वाहनों की संख्या और कड़े नियमों की जरूरत
महापौर ने बताया कि इंदौर की आबादी 35 लाख है और वाहनों की संख्या भी लगभग उतनी ही है। ऐसे में ट्रैफिक नियंत्रण के लिए कड़े नियम जरूरी हैं।
🛺 ई-रिक्शा और डिलीवरी बॉय पर नियंत्रण की मांग
कोर्ट ने ई-रिक्शा चालकों की जांच और डिलीवरी बॉय की पहचान अनिवार्य करने की बात कही। ये लोग शहर के हर कोने तक पहुंचते हैं, ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था जरूरी है।
🚧 फुटपाथ और सड़कों पर कब्जा
फुटपाथ और दुकानों के सामने सामान रखने से ट्रैफिक बाधित हो रहा है। महापौर ने बताया कि तीन मोबाइल कोर्ट कैमरों से लैस कर कार्रवाई में लगे हैं।
🚌 बसों के कारण यातायात जाम
शहर में आने वाली बसों के कारण शाम के समय भारी जाम लगता है। कोर्ट ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई नहीं हो रही।
📍 कोर्ट के सुझाव
- सभी एजेंसियों में समन्वय हो
- ट्रैफिक सुधार के लिए स्थाई नीति बने
- डिलीवरी बॉय का पुलिस वेरिफिकेशन हो
- स्ट्रीट वेंडर जोन सिस्टम लागू हो
- वीआईपी मूवमेंट के दौरान सिग्नल बंद न हों
🔍 निष्कर्ष
हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यातायात को सुधारने के लिए सख्ती जरूरी है। प्रशासन, पुलिस और अन्य विभागों को मिलकर सख्त और स्थाई कदम उठाने होंगे।
