| महाकाल मंदिर क्षेत्र में देर रात सुरक्षा प्रबंधन की तैयारी में जुटे पुलिस अधिकारी और जवान। |
उज्जैन। श्रावण मास के पहले सोमवार को उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों श्रद्धालुओं ने महाकाल बाबा के दर्शन किए। इस अवसर पर महाकाल मंदिर से शाम 4 बजे भगवान श्री मनमहेश की रजत पालकी सवारी निकाली जा रही है, जिसे लेकर शहर में सुरक्षा के विशेष बंदोबस्त किए गए हैं।
| महिला टीआई अनिला पाराशर पुलिस बल के साथ टीम भावना से सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण करतीं हुईं। |
तीन स्तरीय सुरक्षा, ड्रोन से निगरानी
महाकाल की सवारी के लिए उज्जैन पुलिस हाई अलर्ट पर है। पूरे सवारी मार्ग और मंदिर परिसर में थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। तीन हाई-टेक ड्रोन कैमरे पूरे रूट की निगरानी कर रहे हैं, जिनका लाइव फीड कंट्रोल रूम को दिया जा रहा है।
| ड्रोन से निगरानी करते हुए पुलिस कर्मचारी। |
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि महाकाल लोक समेत मंदिर परिसर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की छतों की भी जांच कराई गई है, ताकि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत एक्शन लिया जा सके।
महिला टीआई अनिला पाराशर ने संभाली कमान
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| श्रावण सोमवार की सवारी के पहले उज्जैन देवासगेट पर महिला टीआई अनिला पाराशर सुरक्षा व्यवस्था को संभालते हुए। |
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| महाकाल मंदिर सवारी मार्ग पर चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद पुलिस बल की तैनाती। |
सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए देवास गेट क्षेत्र में महिला टीआई अनिला पाराशर ने स्वयं मोर्चा संभाला और जवानों को ज़रूरी निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ पैदल भ्रमण कर संवेदनशील इलाकों में तैनाती की समीक्षा की।
पालकी सवारी से पहले पूजन-अर्चन
महाकाल मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री मनमहेश का विधिपूर्वक पूजन-अर्चन हुआ। इसके बाद रजत पालकी में विराजित होकर भगवान नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर के मुख्य द्वार पर पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया, जो भक्तों के लिए भावनात्मक क्षण रहा।
| महाकाल महालोक में उड़ने के लिए तैयार ड्रोन |
शहरभर में सख्त चेकिंग अभियान
श्रावण सोमवार को लेकर उज्जैन में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। शहर के हर चौराहे, गली और मुख्य मार्ग पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में CCTV की सहायता से निगरानी बढ़ा दी गई है।
📌 निष्कर्ष:
श्रद्धा और सुरक्षा का संतुलन बनाए रखते हुए उज्जैन प्रशासन ने महाकाल की सवारी को शांतिपूर्ण और भव्य बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। भक्तों के लिए यह एक आस्था से जुड़ा पवित्र अवसर है, तो वहीं पुलिस और प्रशासन के लिए यह सुरक्षा व्यवस्था की परीक्षा।


