ढाका। भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में फिर से गर्मजोशी लाने के उद्देश्य से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक खास कदम उठाया है। अंतरिम प्रधानमंत्री प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने 1,000 किलोग्राम ‘हरिभंगा’ किस्म के आम भारत को उपहार में भेजे हैं। इन आमों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के राजनयिकों और कई वरिष्ठ अधिकारियों को भेंट किया जाएगा।
इस कूटनीतिक पहल को ‘मैंगो डिप्लोमेसी’ कहा जा रहा है। इस अभियान के तहत न केवल केंद्र सरकार, बल्कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा को भी यह प्रीमियम आम भेजे गए हैं।
हरिभंगा आम: बांग्लादेश की शान
बांग्लादेश का ‘हरिभंगा’ आम उच्च गुणवत्ता के लिए जाना जाता है और भारत में भी इसकी मांग काफी अधिक है। डेली सन की रिपोर्ट के अनुसार, ये आम गुरुवार शाम 5:15 बजे अखौरा लैंड पोर्ट के जरिए भारत भेजे गए और सोमवार को नई दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है।
यह परंपरा नई नहीं है, बल्कि बांग्लादेश की पिछली सरकारें भी भारत को आम भेजती रही हैं। इस बार यह विशेष इसलिए है क्योंकि शेख हसीना सरकार के हटने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में थोड़ी दूरी आ गई थी।
| थाईलैंड में आयोजित BIMSTEC समिट में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई। तस्वीर 4 अप्रैल 2025 की है। |
हिल्सा डिप्लोमेसी पर भी लग चुकी है रोक
बांग्लादेश ने पिछले साल भारत को हिल्सा मछली का निर्यात रोक दिया था, जिसे दुर्गा पूजा से पहले भारत में विशेष रूप से पसंद किया जाता था। इसे भी ‘हिल्सा डिप्लोमेसी’ के रूप में जाना जाता था। हालांकि, सितंबर 2023 में फिर से 3,000 टन हिल्सा भारत भेजने की अनुमति दी गई थी।
2021 से शुरू हुई मैंगो डिप्लोमेसी
बांग्लादेश ने 2021 में मैंगो डिप्लोमेसी की शुरुआत करते हुए भारत, श्रीलंका, नेपाल, यूरोप और खाड़ी देशों को 1,632 टन आम भेजे थे। इनमें हरिभंगा, लंगड़ा, फजली, हिमसागर और आम्रपाली जैसी प्रमुख किस्में शामिल थीं।
भारत ने चीन को कराया आम से परिचय
दिलचस्प तथ्य यह भी है कि 1955 में भारत ने आम के पौधे चीन को भेंट किए थे, जिससे चीन में आम का उत्पादन शुरू हुआ। आज चीन दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आम उत्पादक देश बन चुका है।
भारत-बांग्लादेश के बीच फिर बढ़ रही नज़दीकी
अप्रैल में बैंकॉक में बिम्सटेक सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अंतरिम प्रधानमंत्री यूनुस की मुलाकात हुई थी, जो हसीना सरकार के पतन के बाद पहली उच्चस्तरीय मुलाकात थी। दोनों देशों की सांस्कृतिक, सामाजिक और व्यापारिक नज़दीकियां अब भी गहरी हैं।
बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
वित्त वर्ष 2022-23 में भारत-बांग्लादेश के बीच 15.9 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ। भारत से बांग्लादेश को मुख्यतः टेक्सटाइल, मशीनरी, पेट्रोलियम उत्पाद और ऑटो पार्ट्स निर्यात होते हैं, जबकि भारत में बांग्लादेश से तैयार कपड़े, जूट और समुद्री खाद्य पदार्थ आते हैं।
निष्कर्ष:
बांग्लादेश द्वारा भेजे गए हरिभंगा आम सिर्फ मिठास नहीं, बल्कि कूटनीतिक संदेश भी हैं। यह सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी रिश्तों की बर्फ को पिघलाने का कारगर माध्यम बन सकती है।
