इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर विवादास्पद कार्टून बनाने वाले इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। सोमवार को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए उन्हें तत्काल अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। हालांकि, माफी मांगने के लिए मंगलवार तक का समय दिया गया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मालवीय के कार्टून को "अपरिपक्व और भड़काऊ" बताया। न्यायमूर्ति धूलिया ने टिप्पणी करते हुए कहा, "उनमें अभी भी कोई परिपक्वता नहीं है। यह वास्तव में भड़काऊ है।" कोर्ट का यह रुख कार्टून की अशोभनीय सामग्री को लेकर था, जिसमें प्रधानमंत्री और आरएसएस को विवादास्पद तरीके से चित्रित किया गया था।
🧑⚖️ क्या है मामला?
हेमंत मालवीय द्वारा मई 2024 में सोशल मीडिया पर एक विवादित कार्टून पोस्ट किया गया था, जिसमें आरएसएस की वर्दी में एक व्यक्ति प्रधानमंत्री के सामने झुका हुआ दिखाया गया था। प्रधानमंत्री के कार्टून को स्टेथोस्कोप और इंजेक्शन के साथ दर्शाया गया था और शॉर्ट्स नीचे खींचे गए थे। इस कार्टून को लेकर एडवोकेट विनय जोशी ने गंभीर आपत्ति जताई और कई धाराओं के तहत FIR दर्ज करवाई।
⚖️ लगाए गए आरोप
हेमंत मालवीय पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा:
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196 (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना),
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299 (धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान),
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302 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना),
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352 (शांति भंग करना),
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353 (शरारत),
के साथ-साथ आईटी एक्ट की धारा 67ए के तहत भी आरोप दर्ज किए गए हैं।
🏛 हाईकोर्ट ने खारिज की थी अग्रिम जमानत
इससे पहले, 8 जुलाई को इंदौर हाईकोर्ट ने मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि कोई व्यक्ति किसी की धार्मिक या व्यक्तिगत भावना को आहत करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि मालवीय को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा सकती है।
🙏 माफी का मौका, अगली सुनवाई आज
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को साफ कर दिया कि मालवीय को राहत सिर्फ माफी मांगने के बाद ही मिल सकती है। कोर्ट ने उन्हें आज यानी मंगलवार (16 जुलाई) तक का समय दिया है, जिसके बाद मामले की फिर से सुनवाई होगी।
