नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए। हरियाणा निवासी विनय महज कुछ दिन पहले ही शादी के बाद अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून पर गए थे। हमले ने सिर्फ एक नवविवाहित जोड़े की खुशियों को छीन लिया, बल्कि एक पूरे परिवार को असहनीय पीड़ा में डुबो दिया।
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| पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके बदले में भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत PoK में 9 आतंकी ठिकाने नष्ट किए थे। |
लेफ्टिनेंट विनय की शादी 16 अप्रैल को मसूरी में हुई थी और 19 अप्रैल को करनाल में रिसेप्शन आयोजित किया गया था। शादी के कुछ ही दिन बाद विनय और उनकी पत्नी 21 अप्रैल को पहलगाम पहुंचे, जहां अगली सुबह यानी 22 अप्रैल को एक आतंकी ने नाम पूछकर विनय पर गोली चला दी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
“पाक सेना तब समझेगी जब उसका बच्चा जाएगा”
विनय के पिता राजेश नरवाल ने मीडिया से बात करते हुए गहरा दुख जताया। उन्होंने NDTV को दिए इंटरव्यू में कहा, "हम एक ऐसे दर्द में जी रहे हैं जो शब्दों से परे है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इस दर्द को तब समझेंगे जब उनके अपने बच्चे किसी आतंकी हमले का शिकार बनेंगे।"
TRF को लेकर नाराजगी
अमेरिका द्वारा पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए राजेश बोले, "ये काफी नहीं है। TRF 2019 से ही सक्रिय है, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था। यह आतंकवाद का पाकिस्तानी मुखौटा है।"
“परिवार के सामने रो भी नहीं सकता”
राजेश का कहना था कि वह अपने परिवार के सामने कमजोर नहीं पड़ सकते। “मेरी पत्नी, माता-पिता सब टूट चुके हैं। मुझे खुद को मजबूत दिखाना पड़ता है। हम सो नहीं पा रहे हैं, मनोचिकित्सकों की दवाएं भी बेअसर हैं। इसका कोई इलाज नहीं है।”
“विनय मेरे हीरो हैं और हमेशा रहेंगे”
विनय के बचपन की यादों को साझा करते हुए राजेश ने कहा, “वो फौजियों के प्रति आकर्षित थे। उनमें नेतृत्व, साहस और अनुशासन जन्म से था। हमने उन्हें सच्चाई और ईमानदारी से जीना सिखाया। वे निडरता से जिए और वैसे ही शहीद हुए। वे मेरे हीरो हैं और हमेशा रहेंगे।”
| पिता के साथ लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की तस्वीर। विनय 3 साल पहले नेवी में भर्ती हुए थे। |


