PM मोदी और RSS पर विवादित कार्टून: सुप्रीम कोर्ट से हेमंत मालवीय को अंतरिम राहत

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कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका पर अगस्त में सुनवाई होगी।

इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर आपत्तिजनक कार्टून बनाने के मामले में फंसे इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। मंगलवार को कोर्ट ने मालवीय की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उन्हें अगली सुनवाई तक सुरक्षा दी है। अब इस मामले की सुनवाई 15 अगस्त के बाद होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक

मालवीय ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनसे माफी मांगने का सुझाव दिया था और मंगलवार तक का समय दिया था। मंगलवार को उन्होंने माफीनामा दाखिल किया।

एडवोकेट वृंदा ग्रोवर की दलील

मालवीय का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि पोस्ट हटा दी गई है और यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़ा मामला है। उन्होंने दलील दी कि आलोचना करना अपराध नहीं है।

सॉलिसिटर जनरल का विरोध

सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कुछ पुराने स्क्रीनशॉट कोर्ट में पेश किए और कहा कि मालवीय की पोस्ट आपत्तिजनक हैं और वह किसी रियायत के लायक नहीं हैं।

क्या था विवादित कार्टून

विवादित कार्टून में आरएसएस की वर्दी में एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री के सामने झुका हुआ दिखाया गया है। प्रधानमंत्री की तस्वीर को एक डॉक्टर के रूप में दिखाया गया है, जिनके हाथ में इंजेक्शन है और गले में स्टेथोस्कोप।

दर्ज हुई FIR और धाराएं

मालवीय पर IPC 2023 की धारा 196, 299, 302, 352, 353 और IT एक्ट की धारा 67A के तहत केस दर्ज हुआ है। शिकायतकर्ता एडवोकेट विनय जोशी ने इन धाराओं के तहत एफआईआर करवाई थी।

हाईकोर्ट ने कही थी ये बात

8 जुलाई को हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मालवीय ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा लांघी है। उन्हें व्यंग्य चित्र बनाते समय विवेक का प्रयोग करना चाहिए था।

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हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं


इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर विवादास्पद कार्टून बनाने वाले इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। सोमवार को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए उन्हें तत्काल अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। पढे़ं पूरी खबर..​​​​.


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