इंदौर | जोरदार हेडलाइंस
इंदौर पुलिस के आरक्षक ओमप्रकाश नरवरिया ने हीरा नगर थाने में पदस्थ एएसआई धीरज शर्मा पर बलात्कार जैसे संगीन मामले में झूठा फंसाकर जेल भेजने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में परिवाद दायर किया है। इस मामले में आरक्षक को 31 दिसंबर 2024 को बरी कर दिया गया, लेकिन अब तक एएसआई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
क्या है पूरा मामला?
अधिवक्ता पंकज विश्वकर्मा के अनुसार, आरक्षक नरवरिया ने अपने परिवाद में बताया कि हीरा नगर थाने में पदस्थ रहने के दौरान उन्होंने एक बदमाश पीयूष उर्फ विक्की को पकड़ा था, जिसे एएसआई शर्मा ने छुड़वाने का दबाव बनाया। इस बात से दोनों के बीच विवाद हो गया और एएसआई ने रंजिशन एक युवती की गुमशुदगी के मामले में बलात्कार और POCSO एक्ट की धाराएं लगवा दीं।
युवती ने भी किया खुलासा
पीड़िता ने कोर्ट में बयान दिया कि उसका भाई, मां और एएसआई शर्मा मिलकर लोगों पर झूठे केस दर्ज करवाते हैं। उसने बताया कि आरोपी अजय उर्फ बाबू से उसका प्रेम संबंध था और उसके साथ उसने जबरन नहीं, सहमति से संबंध बनाए थे।
कोर्ट में मांगा इंसाफ
कोर्ट में परिवाद के जरिए आरक्षक ने मांग की है कि एएसआई धीरज शर्मा और अन्य संबंधितों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए। न्यायिक दंडाधिकारी प्रिंसी अग्रवाल ने हीरा नगर थाने से रिपोर्ट तलब कर ली है और टीआई को अगली सुनवाई पर कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
वसूली में भी नाम
जांच में एएसआई शर्मा की एक अन्य मामले में भी संलिप्तता सामने आई है, जिसमें उसने 50 लाख रुपये की वसूली की। इस पर उन्हें लाइन अटैच कर दिया गया था।
| मुख्य आरोपी | कार्रवाई |
|---|---|
| एएसआई धीरज शर्मा | लाइन अटैच, कोर्ट जांच जारी |
| आरक्षक ओमप्रकाश नरवरिया | कोर्ट से बरी, परिवाद दायर |
मामले की अगली सुनवाई जल्द तय की जाएगी।

