इंदौर-देवास रोड पर 40 घंटे के जाम पर हाईकोर्ट सख्त, NHAI से मांगा जवाब; 3 मौतों पर उठे सवाल

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इंदौर देवास राेड पर जाम मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

इंदौर | विशेष संवाददाता

इंदौर-देवास रोड पर बीते दिनों लगे भीषण जाम और उससे जुड़ी 3 मौतों के मामले में शुक्रवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस याचिका को वर्ष 2022 से लंबित एक अन्य जनहित याचिका में मर्ज कर दिया है। अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट गिरीश पटवर्धन ने कोर्ट को बताया कि 28 जून को लगे 40 घंटे लंबे जाम में तीन लोगों की जान चली गई। कोर्ट ने इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा कि सभी पक्षों का जवाब मिलने के बाद ही जिम्मेदारी तय की जाएगी।

इंदौर-उज्जैन रोड पर सांवेर के नजदीक तराना के पास जाम लग गया था।

एडवोकेट शर्मा का बयान फिर आया चर्चा में

इससे पहले 30 जून को सुनवाई के दौरान NHAI की ओर से वकालत कर रहीं एडवोकेट अनीता शर्मा ने टिप्पणी की थी, "लोग बिना काम के इतनी जल्दी निकलते क्यों हैं?" इस बयान की देशभर में आलोचना हुई थी। इस बार एनएचएआई की ओर से वकील बदला गया और एडवोकेट एडी सिंह ने वर्चुअल उपस्थिति दर्ज करवाई।

देवास की ओर जाने वाले रास्तों के अलावा गांवों से जाने वाले रास्तों, ब्रिज और सर्विस रोड सभी जगह वाहन फंसे हुए थे।

एनएचएआई ने मानी जिम्मेदारी, टोल कंपनी को हटाया

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल ने पुष्टि की कि इंदौर-देवास टोलवेज लिमिटेड को दिसंबर 2022 में टर्मिनेट कर दिया गया था। कंपनी मेंटनेंस में विफल रही थी। वर्तमान में एनएचएआई और टोल कंपनी के बीच कानूनी विवाद कोर्ट में विचाराधीन है।

इंदौर-देवास मुख्य मार्ग पर अर्जुन बड़ौदा के पास 30 मिनट के सफर में ढाई घंटे का समय लग रहा था।


कलेक्टर ने बताया सर्विस रोड कमजोर, बढ़ा ट्रैफिक दबाव

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने निरीक्षण के बाद कहा कि एनएचएआई द्वारा बनाई गई कमजोर सर्विस रोड भारी वाहनों का भार नहीं झेल पा रही है। मांगलिया फ्लाईओवर निर्माण और उज्जैन रोड के बंद होने से भी देवास रोड पर ट्रैफिक का दबाव कई गुना बढ़ गया है।

40 घंटे फंसी रहीं गाड़ियां, 3 लोगों की गई जान

इंदौर-देवास रोड पर लगे जाम में फंसे तीन लोगों की जान चली गई थी।

28 जून को इंदौर-देवास रोड पर करीब 8 किमी लंबा जाम लग गया था। इस दौरान

  • इंदौर निवासी कमल पांचाल (62)

  • शुजालपुर के बलराम पटेल (55)

  • गारी पिपल्या के संदीप पटेल (32)

की मौत हो गई। कमल पांचाल को हार्ट अटैक आया, लेकिन जाम में फंसने के कारण उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल सका। बाकी दो मौतों में भी चिकित्सा सहायता समय पर न मिल पाने की आशंका जताई जा रही है।

NHAI ने कहा- मौतों की खबर भ्रामक

हालांकि, NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि "तीनों मौतों का सीधा संबंध जाम से नहीं है।" उन्होंने बताया कि एक मौत शाजापुर से लौटते समय और दूसरी लसूडिया क्षेत्र में हुई थी। इनका अर्जुन बड़ौद बायपास जाम से कोई लेना-देना नहीं है।

हाईकोर्ट का रुख सख्त, सभी एजेंसियों को नोटिस

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने NHAI, पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर, टोल कंपनी और निर्माण कंपनी मेलहोत्रा बिल्डकॉन प्रा. लि. को पक्षकार बनाते हुए जवाब मांगा था। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि जब तक स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक भारी वाहनों के लिए अंतरिम डायवर्जन योजना लागू रहेगी।

निष्कर्ष:
इंदौर-देवास रोड पर बार-बार लगने वाला जाम अब सिर्फ ट्रैफिक समस्या नहीं, बल्कि एक गंभीर जन-स्वास्थ्य और जन-सुरक्षा मुद्दा बन गया है। हाईकोर्ट की सक्रियता और लगातार की जा रही सुनवाई से उम्मीद है कि इस सड़क पर यातायात को सुचारु करने के लिए कोई ठोस और स्थायी समाधान जल्द सामने आएगा।

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