इंदौर में पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या का खुलासा, आरोपी ड्राइवर गिरफ्तार

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इंदौर। शहर के खजराना क्षेत्र में बीते शुक्रवार को मिले अज्ञात शव की पहचान और हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस हत्याकांड में एक ऑटो ड्राइवर को गिरफ्तार किया है, जिसने पैसे के विवाद में पुलिस रेडियो ट्रेनिंग स्कूल के इंस्पेक्टर प्रभात नारायण चतुर्वेदी की पत्थर मारकर हत्या कर दी थी।

आरोपी ने इसी ऑटो से पुलिसकर्मी को ले जाने के बाद हत्या की थी।

गुमशुदगी रिपोर्ट से हुआ शव की पहचान का खुलासा

सोमवार को प्रभात नारायण चतुर्वेदी के परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट विजयनगर थाने में दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने खजराना में मिले अज्ञात शव की पहचान इंस्पेक्टर चतुर्वेदी के रूप में की। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने ऑटो रिक्शा ड्राइवर की तलाश शुरू की और सोमवार देर शाम आरोपी देवेंद्र बोरासी (निवासी नंदानगर, गली नंबर 10) को गिरफ्तार कर लिया।

शराब के नशे में हुआ विवाद, फिर की हत्या

पूछताछ में आरोपी देवेंद्र बोरासी ने कबूल किया कि उसने पत्थरों से वार कर इंस्पेक्टर प्रभात नारायण चतुर्वेदी की हत्या कर दी थी। वारदात से पहले दोनों ने परदेशीपुरा इलाके में साथ में शराब पी थी। जानकारी के मुताबिक, इंस्पेक्टर चतुर्वेदी अपनी मां के निधन के चलते पन्ना जाने वाले थे। उनकी पत्नी पहले ही वहां पहुंच चुकी थीं। इस दौरान उन्होंने घर से 50 हजार रुपये लिए और ऑटो में सवार होकर निकले थे।

इंस्पेक्टर ने पहले स्कीम-74 में अपने निर्माणाधीन मकान का दौरा किया, फिर ऑटो ड्राइवर से बेटे के होटल चलने को कहा। लेकिन देवेंद्र उन्हें बायपास की ओर ले गया और वहां शराब पी। रास्ते में पैसों को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद देवेंद्र ने पत्थरों से वार कर उनकी हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया।

आरोपी देवेन्द्र पंधाना का रहने वाला है। वह हत्या के बाद इंदौर से भाग कर यहीं पहुंचा था।

सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग

पुलिस ने इस हत्याकांड के खुलासे के लिए 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। बायपास, रिंग रोड और विजयनगर इलाके में ऑटो की तलाश के बाद पुलिस नंदानगर स्थित आरोपी के घर तक पहुंची। जब पुलिस को वहां ऑटो मिला, लेकिन आरोपी घर पर नहीं था, तो उसकी संलिप्तता की पुष्टि हो गई।

गिरफ्तारी से पहले पंधाना भागा था आरोपी

जानकारी के अनुसार, हत्या के बाद देवेंद्र बोरासी अपने गांव पंधाना भाग गया था। लेकिन जैसे ही वह वापस इंदौर लौटा, पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह इंस्पेक्टर चतुर्वेदी को पहले से नहीं जानता था और यह हत्या सिर्फ किराए और पैसे के विवाद में कर दी।

शादी न होने की वजह से था डिप्रेशन में

देवेंद्र बोरासी अपनी मां के साथ किराए के मकान में रहता था। बताया जा रहा है कि शादी न होने के कारण वह डिप्रेशन में था और शराब पीने का आदी हो गया था। घटना के दिन ज्यादा किराए को लेकर हुए विवाद के बाद उसने इंस्पेक्टर की हत्या कर दी।

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उससे आगे की पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं, यह मामला शहर में सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े करता है कि सार्वजनिक परिवहन में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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