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खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक एमएल मारू को ज्ञापन सौंपा गया। |
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि बढ़ती उपभोक्ता जागरूकता के कारण उपभोक्ता आयोग में मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन अपर्याप्त स्टाफ और कई पदों के रिक्त होने के कारण उपभोक्ताओं को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है। साथ ही, खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच के लिए पर्याप्त प्रयोगशालाओं की कमी के चलते कार्रवाई भी प्रभावित हो रही है।
ग्राहक पंचायत ने अपनी प्रमुख मांगों में स्वतंत्र ग्राहक मंत्रालय की स्थापना, प्रत्येक जिले में खाद्य जांच प्रयोगशाला की स्थापना और तब तक चलित प्रयोगशालाओं की व्यवस्था, उपभोक्ता आयोग में रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्तियां तथा इंदौर की तरह अन्य जिलों में भी उपभोक्ता मार्गदर्शन केंद्रों की स्थापना की मांग की।
इस अवसर पर मालवा प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कौशल, ओकरलाल देवड़ा, पं. डीजी मिश्र सहित कई प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे। मीडिया प्रभारी मनोज पंवार ने बताया कि ये सभी मांगें उपभोक्ताओं के हित में आवश्यक हैं और इन्हें आगामी बजट में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इन मांगों पर विचार करती है, तो इससे उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।