दमोह | विशेष संवाददाता
मध्यप्रदेश के दमोह जिले से सावन के पहले दिन दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। व्यारमा नदी में नहाने गई एक महिला को मगरमच्छ ने अचानक हमला कर अपने जबड़ों में दबोच लिया और नदी के भीतर खींच ले गया। करीब एक घंटे की सर्चिंग के बाद महिला का शव नदी के दूसरे किनारे झाड़ियों में फंसा हुआ मिला।
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मगरमच्छ महिला को जबड़े में दबाकर नदी के दूसरे किनारे पर ले गया। |
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महिला के साथ जल भरने गए लोगों ने मगरमच्छ का वीडियो बना लिया। |
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मालती की सहेली ने शोर मचाया तो नदी किनारे लोगों की भीड़ जमा हो गई। |
जल लाने गई थी मालती, मगरमच्छ ने खींच लिया नदी में
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मालतीबाई सुबह करीब 6 बजे सावन के पहले दिन जल भरने के लिए अपनी सहेली के साथ व्यारमा नदी गई थी। वह डिब्बे में पानी भर रही थी, तभी मगरमच्छ ने उसके पैर पर हमला कर दिया।
ग्रामीण प्रहलाद सिंह ने बताया कि मालती की सहेली किनारे खड़ी थी, जबकि मालती नदी में थोड़ा अंदर गई थी। तभी अचानक पानी में से एक मगरमच्छ निकला और उसके पैर को जबड़ों में भरकर नदी के बीचों-बीच खींच ले गया। नदी का बहाव तेज था, जिससे कोई उसे बचा नहीं सका।
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मालती बाई का करीब एक घंटे बाद व्यारमा नदी के दूसरे किनारे पर मिला। |
वीडियो वायरल, एक घंटे बाद शव मिला झाड़ियों में
घटना के दौरान एक ग्रामीण ने हादसे का वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
सूचना मिलते ही वन विभाग, पुलिस और SDRF की टीम मौके पर पहुंची। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद महिला का शव नदी के उस पार झाड़ियों में फंसा हुआ मिला।
दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर, एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी और DFO ईश्वर जरांडे ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की।
वन विभाग का दावा— चेतावनी के बावजूद लोग लापरवाह
वन विभाग के अनुसार, व्यारमा नदी के आसपास मगरमच्छों की संख्या बढ़ रही है, जिसको देखते हुए कई संवेदनशील स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं और गांवों में मुनादी भी करवाई गई है। इसके बावजूद लोग नदी के खतरनाक हिस्सों में उतरने से बाज नहीं आ रहे।
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महिला का शव नदी से करीब एक घंटे बाद निकाला जा सका। |
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
गौरतलब है कि बीते साल इसी क्षेत्र के हटरी गांव में 10 साल के बच्चे को भी मगरमच्छ ने इसी तरह से शिकार बनाया था। रेस्क्यू टीम को घंटों बाद उसका शव झाड़ियों में मिला था।
इसके अलावा नोहटा, बनवार, माला, और जुझार गांवों में भी मगरमच्छों की मौजूदगी की खबरें मिलती रही हैं। वन विभाग अब तक कई मगरमच्छों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुका है।
ग्रामीणों में डर, प्रशासन से सुरक्षा की मांग
इस घटना के बाद ग्रामीणों में भारी डर है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि व्यारमा नदी के किनारे और आसपास के गांवों में मगरमच्छों को पकड़ने और रोकथाम के पुख्ता इंतजाम किए जाएं, ताकि दोबारा ऐसी दुखद घटनाएं न हों।
👉 ऐसी प्राकृतिक घटनाएं यह याद दिलाती हैं कि सुरक्षा चेतावनियों को नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है। प्रशासन और आमजन दोनों को इस दिशा में सजग रहना होगा।




