इंदौर: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को इंदौर में आयोजित 18वीं अखिल भारतीय पुलिस निशानेबाजी प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ किया। यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता 24 से 29 मार्च तक चलेगी, जिसमें देशभर के 600 से अधिक निशानेबाज अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगे। इस प्रतियोगिता का आयोजन सीमा सुरक्षा बल (BSF) के केंद्रीय आयुध और युद्ध कौशल स्कूल (CSWT) द्वारा किया जा रहा है।
देशभर से आए प्रतिभागी, 204 पदकों के लिए मुकाबला
इस वर्ष की चैम्पियनशिप में देश के विभिन्न पुलिस संगठनों के पुरुष और महिला निशानेबाज भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिता में कुल 17 स्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी, जो इंदौर की प्रसिद्ध रेवती रेंज में संपन्न होंगी। इस प्रतियोगिता में कुल 204 पदक दांव पर होंगे, जिनमें 68 स्वर्ण, 68 रजत और 68 कांस्य पदक शामिल हैं।
पिछले 5 वर्षों से यह प्रतियोगिता आयोजित नहीं हो सकी थी। आखिरी बार यह वर्ष 2019 में महाराष्ट्र के पुणे में हुई थी। इस बार यह आयोजन इंदौर में किया जा रहा है, जिससे मध्यप्रदेश में निशानेबाजी खेल को बढ़ावा मिलेगा।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बीएसएफ को दी बधाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस आयोजन के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) को बधाई देते हुए कहा, "इंदौर और मालवा क्षेत्र अपनी मेहमाननवाजी और खान-पान के लिए प्रसिद्ध है। मैं सभी प्रतिभागियों से अनुरोध करता हूँ कि वे इंदौर का आनंद लें। यहां के 56 दुकान में अलग ही आनंद मिलेगा।" उन्होंने कहा, "अब जमाना बदल गया है, खेलोगे-कूदोगे तो नवाब बनोगे। जब हमारे खिलाड़ी पदक जीतकर आते हैं, तो पूरा देश गौरवान्वित महसूस करता है।"
मध्यप्रदेश बना खेलों का केंद्र
सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश अब न केवल आर्थिक और औद्योगिक रूप से आगे बढ़ रहा है, बल्कि खेलों के क्षेत्र में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। हाल ही में आयोजित नेशनल गेम्स में मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 42 पदक जीते हैं। राज्यों की श्रेणी में मध्यप्रदेश को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
सीएम ने यह भी घोषणा की कि अब खेलों को शिक्षा में एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में शामिल किया गया है। सरकार प्रशिक्षकों को भी आगे बढ़ाने की योजना बना रही है और उन्हें वाइस चांसलर तक पदोन्नति देने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
मालवा क्षेत्र से होंगे नए निशानेबाज तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि मालवा क्षेत्र में निशानेबाजों की खोज की जाएगी और उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। "मालवा क्षेत्र से कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और अर्जुन अवार्ड विजेता निकले हैं। हमें इस परंपरा को आगे बढ़ाना है," उन्होंने कहा।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाली टीमें
इस चैम्पियनशिप में देशभर की 27 पुलिस टीमें भाग ले रही हैं, जिनमें प्रमुख रूप से असम पुलिस, हरियाणा पुलिस, केरल पुलिस, राजस्थान पुलिस, छत्तीसगढ़ पुलिस, तमिलनाडु पुलिस, पंजाब पुलिस, तेलंगाना पुलिस, रेलवे सुरक्षा बल (RPF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), असम राइफल्स, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), सशस्त्र सीमा बल (SSB), दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हिमाचल पुलिस, उत्तराखंड पुलिस, उत्तरप्रदेश पुलिस, गुजरात पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस, मणिपुर पुलिस, कर्नाटक पुलिस, पश्चिम बंगाल पुलिस, मेघालय पुलिस और मध्यप्रदेश पुलिस शामिल हैं।
निशानेबाजी का ऐतिहासिक महत्व
सीएम ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि निशानेबाजी का महत्व हर युग में रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में एनसीसी के जरिए निशानेबाजी से जुड़े थे।
निष्कर्ष
18वीं अखिल भारतीय पुलिस निशानेबाजी प्रतियोगिता देशभर के पुलिस बलों के निशानेबाजों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इस आयोजन से न केवल पुलिस बलों की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि देश के युवा निशानेबाजों को भी प्रेरणा मिलेगी। इस प्रतियोगिता का आयोजन इंदौर के लिए भी गौरव की बात है और इससे राज्य में खेलों को और बढ़ावा मिलेगा।