यमुना का पानी जहरीला करने का आरोप: अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर साधा निशाना

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केजरीवाल ने कहा- हरियाणा सरकार की इस हरकत के कारण दिल्ली के एक तिहाई हिस्से में पानी की कमी हो गई है।
चंडीगढ़। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना के पानी को जहरीला करने का गंभीर आरोप लगाया है। केजरीवाल ने दावा किया कि हरियाणा से यमुना के रास्ते आने वाले पानी में जहरीले पदार्थ मिलाए गए हैं, जिससे दिल्ली में पानी की आपूर्ति पर बुरा असर पड़ा है।

हरियाणा ने यमुना के पानी को किया जहरीला: केजरीवाल

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी में ऐसा जहर मिलाया है, जिसे जल उपचार संयंत्रों द्वारा भी साफ नहीं किया जा सकता। इसके चलते दिल्ली के एक-तिहाई हिस्से में पानी की कमी हो गई है। उन्होंने इसे दिल्ली के खिलाफ एक साजिश करार देते हुए कहा कि इस हरकत का उद्देश्य दिल्ली में अफरा-तफरी मचाना है और इसका दोष आम आदमी पार्टी (AAP) पर डालना है।

दिल्ली जल बोर्ड ने रोका जहरीला पानी

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने समय रहते इस समस्या को पहचान लिया और जहरीले पानी को दिल्ली की सीमा पर ही रोक दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर वह पानी दिल्ली में आ जाता तो हजारों लोगों की मौत हो सकती थी।"

आरोपों पर हरियाणा सरकार से रिपोर्ट तलब

चुनाव आयोग को इस मामले में दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की ओर से ज्ञापन प्राप्त हुआ है। इसमें आरोप लगाया गया है कि हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ गई है, जिससे दिल्ली में जल आपूर्ति बाधित हुई है। आयोग ने हरियाणा सरकार से 28 जनवरी तक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।

केजरीवाल के चार आरोप:

  1. यमुना के पानी में जहर मिलाया गया: केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा से आने वाले यमुना के पानी में जानबूझकर जहरीले पदार्थ मिलाए गए हैं।
  2. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से भी साफ नहीं हो सकता पानी: जहरीले पानी में ऐसे पदार्थ थे, जिन्हें दिल्ली के जल उपचार संयंत्र भी साफ नहीं कर सकते।
  3. दिल्ली में नरसंहार की साजिश: केजरीवाल ने इसे दिल्लीवासियों के खिलाफ सामूहिक नरसंहार की साजिश करार दिया।
  4. भाजपा पर गंदी राजनीति का आरोप: उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली चुनाव में AAP को बदनाम करने के लिए इस तरह की गंदी राजनीति कर रही है।

हर चुनाव में उठता है यमुना का मुद्दा

यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने और जल आपूर्ति बाधित होने का मुद्दा हर चुनाव में उठता रहा है। यमुना को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिए 1993 में पहला यमुना एक्शन प्लान बनाया गया था, लेकिन करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। यमुना पल्ला से ओखला बैराज तक दिल्ली में बहती है, लेकिन आज भी नदी की स्थिति दयनीय है।

विपक्ष ने किया पलटवार

इस मामले पर हरियाणा सरकार या भाजपा की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, भाजपा नेताओं ने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वह चुनावी माहौल में ध्यान भटकाने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं।

दिल्ली के लोग इस मामले पर हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार से जवाबदेही की उम्मीद कर रहे हैं। आगामी दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद बढ़ने की संभावना है।

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