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भारत अमेरिका से 20 ऐसे सामान आयात करता है जिन पर 100% से ज्यादा टैरिफ लगता है। |
भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंध और टैरिफ नीति
भारत अमेरिका से 20 ऐसे उत्पाद आयात करता है, जिन पर 100% से अधिक टैरिफ लागू है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में फ्लोरिडा में एक कार्यक्रम के दौरान भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों पर उच्च टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी। ट्रम्प ने कहा था, "हम उन देशों पर टैरिफ लगाएंगे जो हमें आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं। भारत, चीन और ब्राजील जैसे देश भारी टैरिफ लगाते हैं, लेकिन अब अमेरिका इसे और बर्दाश्त नहीं करेगा।"
गौरतलब है कि अमेरिका भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार 118 अरब डॉलर से अधिक रहा, जिसमें भारत का व्यापार अधिशेष (ट्रेड सरप्लस) 41 अरब डॉलर था।
टैरिफ घटाने-बढ़ाने का असर
टैरिफ किसी भी देश से निर्यात किए गए उत्पादों पर लगाया जाने वाला कर होता है, जिसका उद्देश्य घरेलू उत्पादों को सस्ता बनाए रखना और स्थानीय उद्योगों को सुरक्षा देना है। विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत, प्रत्येक देश टैरिफ की एक सीमा तय करता है ताकि किसी विशेष उत्पाद पर अत्यधिक कर न लगाया जा सके।
अगर भारत अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में कटौती करता है, तो इससे व्यापारिक संबंधों में सुधार हो सकता है। साथ ही, अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी दामों पर अपने उत्पाद बेचने का अवसर मिलेगा।
ट्रम्प की 100% टैरिफ की चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने BRICS देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका चाहता है कि BRICS देश व्यापार में अमेरिकी डॉलर का ही उपयोग करें और किसी अन्य करेंसी का विकल्प न अपनाएं। अगर BRICS देश ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात पर 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
भारत, ब्राजील और चीन BRICS समूह के सदस्य हैं। भारत का लगभग 17% विदेशी व्यापार अमेरिका के साथ होता है। अमेरिका भारतीय कृषि उत्पादों का सबसे बड़ा आयातक है, जिसमें फल, सब्जियां और चावल शामिल हैं। 2024 में ही अमेरिका ने भारत से 18 मिलियन टन चावल आयात किया है।
अगर अमेरिका 100% टैरिफ लगाता है, तो भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में दोगुनी कीमत पर बिक सकते हैं, जिससे उनकी मांग में भारी गिरावट आ सकती है। इससे भारत के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और भारतीय उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
संभावित आर्थिक प्रभाव
भारत द्वारा टैरिफ में कटौती से अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत हो सकते हैं और अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में अधिक अवसर मिल सकते हैं। हालांकि, अमेरिका द्वारा संभावित 100% टैरिफ वृद्धि से भारतीय निर्यातकों को नुकसान हो सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती हैं और भारत-अमेरिका व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।