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मंडी। हिमाचल प्रदेश की 'छोटी काशी' कहे जाने वाले मंडी में शिवरात्रि महोत्सव की धूम शुरू हो गई है। परंपरा के अनुसार, मंडी के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ के स्वयंभू शिवलिंग का मक्खन से विशेष श्रृंगार किया गया। पहले दिन इस शिवलिंग पर 21 किलोग्राम से अधिक मक्खन का लेप किया गया। यह परंपरा महाशिवरात्रि तक जारी रहेगी, जिसके अंतर्गत हर दिन मक्खन से शिवलिंग का श्रृंगार होगा। इस दौरान बाबा भूतनाथ के शिवलिंग का जलाभिषेक नहीं किया जाएगा।
हर दिन अलग रूप में होंगे दर्शन
महाशिवरात्रि तक भगवान शिव भक्तों को अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे। महोत्सव के पहले दिन बाबा भूतनाथ का श्रृंगार कुल्लू के प्रसिद्ध बिजली महादेव के रूप में किया गया। महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि महाशिवरात्रि से एक दिन पहले शिवलिंग से मक्खन हटाया जाएगा और इसके बाद जलाभिषेक की प्रक्रिया शुरू होगी। यह परंपरा अगले साल तक नियमित रूप से चलती है।
1527 से जारी है यह परंपरा
मंडी के बाबा भूतनाथ मठ के महंत देवानंद सरस्वती के अनुसार, यह परंपरा 1527 ईसवी से चली आ रही है। उन्होंने बताया कि यह अनूठी परंपरा मंडी को 'छोटी काशी' के रूप में पहचान दिलाती है। इस परंपरा का निर्वहन हर साल महाशिवरात्रि के एक महीने पहले शुरू होता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर का महोत्सव
मंडी का शिवरात्रि महोत्सव न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध है। इस महोत्सव के दौरान पूरे सप्ताह विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु और पर्यटक इस महोत्सव में शामिल होने के लिए मंडी पहुंचते हैं।
शिवलिंग का मक्खन श्रृंगार: आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
बाबा भूतनाथ के शिवलिंग का मक्खन से श्रृंगार केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह मंडी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। हर साल हजारों भक्त इस अनूठी परंपरा के साक्षी बनने के लिए यहां आते हैं।
महाशिवरात्रि की तैयारी जोरों पर
मंडी में महाशिवरात्रि के आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। महाशिवरात्रि से एक दिन पहले मक्खन हटाने के बाद शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाएगा। इसके साथ ही महोत्सव के भव्य समापन की तैयारी भी की जा रही है।