ब्रिटिश टेलीकॉम दिग्गज वोडाफोन ने इंडस टावर्स में अपनी संपूर्ण हिस्सेदारी 2,800 करोड़ रुपये में बेच दी है। यह कदम भारतीय टेलीकॉम क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक और वित्तीय पुनर्संरचना का उदाहरण प्रस्तुत करता है। शुक्रवार, 10 जनवरी को वोडाफोन ने रेगुलेटरी फाइलिंग में इस फैसले की पुष्टि की, जिसमें हिस्सेदारी बिक्री के पीछे के आर्थिक और रणनीतिक कारकों को रेखांकित किया गया।
रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, वोडाफोन ने इंडस टावर्स में 7.92 करोड़ शेयर (कुल हिस्सेदारी का 3%) का विनिवेश किया। इस बिक्री से प्राप्त 890 करोड़ रुपये का उपयोग ऋणदाताओं के बकाए को चुकाने के लिए किया गया। यह न केवल कंपनी के वित्तीय दायित्वों को हल करता है, बल्कि निवेशकों के विश्वास को पुनर्स्थापित करने में भी सहायक है।
फाइलिंग में यह भी बताया गया है कि 5 दिसंबर 2024 को वोडाफोन ग्रुप Plc ने बुक बिल्ड ऑफरिंग के माध्यम से इंडस टावर्स लिमिटेड में अपने शेष 79.2 मिलियन शेयरों का सफलतापूर्वक विनिवेश किया। यह हिस्सेदारी इंडस टावर्स की कुल बकाया शेयर पूंजी का 3% है।
सहायक कंपनियों की भूमिका
वोडाफोन ने यह हिस्सेदारी अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों—ओमेगा टेलीकॉम होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और उषा मार्टिन टेलीमैटिक्स लिमिटेड—के माध्यम से धारण की थी। यह रणनीतिक कदम भारतीय बाजार में वोडाफोन की भूमिका के पुनःपरिभाषण और भविष्य की संभावनाओं के लिए पुनर्संरचना का प्रतीक है।
वोडाफोन आइडिया (VI) में हिस्सेदारी में वृद्धि
वोडाफोन ने 19.1 बिलियन रुपये (225 मिलियन डॉलर) के शेष फंड का उपयोग वोडाफोन आइडिया लिमिटेड में 1.7 बिलियन इक्विटी शेयरों के प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट के लिए किया। इससे वोडाफोन आइडिया में उसकी हिस्सेदारी 22.56% से बढ़कर 24.39% हो गई है। यह वृद्धि वोडाफोन आइडिया की वित्तीय स्थिरता और संचालनात्मक क्षमता को सुदृढ़ करने का प्रमाण है।
इसके अतिरिक्त, वोडाफोन आइडिया ने इस पूंजी का उपयोग इंडस टावर्स के मास्टर सर्विस एग्रीमेंट के तहत अपने बकाया भुगतानों को चुकाने में किया। परिणामस्वरूप, इंडस टावर्स के प्रति वोडाफोन के सभी वित्तीय दायित्व पूरी तरह समाप्त हो गए हैं।
भारती एयरटेल की प्रमुख भूमिका
वोडाफोन द्वारा अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश के बाद, भारती एयरटेल इंडस टावर्स में प्रमुख हिस्सेदार बन गई है। इस परिवर्तन ने भारती एयरटेल को इंडस टावर्स के संचालन और रणनीतिक दिशा में निर्णायक भूमिका निभाने का अवसर प्रदान किया है।
विश्लेषकों का मानना है कि भारती एयरटेल इस हिस्सेदारी का उपयोग नेटवर्क के विस्तार और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए करेगी। यह कदम भारतीय टेलीकॉम बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा और उपभोक्ताओं के लिए बेहतर डिजिटल अनुभव सुनिश्चित करेगा।
वैश्विक रणनीतिक दृष्टिकोण
वोडाफोन का यह कदम उसकी वैश्विक पुनर्संरचना रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य संपत्तियों का पुनर्गठन, मुनाफे को अधिकतम करना और वित्तीय मजबूती सुनिश्चित करना है। यह रणनीति वोडाफोन को विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को सुव्यवस्थित करने में मदद कर रही है, जिससे संचालन की दक्षता में वृद्धि हो रही है।
इस घटनाक्रम ने इंडस टावर्स और भारती एयरटेल दोनों को सशक्त बनाया है और भारतीय टेलीकॉम बाजार में नए अवसरों को पुनर्परिभाषित किया है।
भविष्य की दिशा
भारतीय टेलीकॉम कंपनियां अब डिजिटल सेवाओं, उन्नत कनेक्टिविटी और नवाचारों के माध्यम से अपने ग्राहकों को आकर्षित करने की दिशा में प्रयासरत हैं। इस रणनीति ने भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बेहतर सेवाओं और अधिक प्रतिस्पर्धात्मकता की संभावनाओं को सुदृढ़ किया है।
इस प्रकार, वोडाफोन द्वारा इंडस टावर्स में हिस्सेदारी का विनिवेश केवल एक वित्तीय लेनदेन नहीं है, बल्कि यह भारतीय टेलीकॉम क्षेत्र में दीर्घकालिक परिवर्तन का प्रतीक है।