ऑपरेशनल रेवेन्यू में 5.23% की बढ़ोतरी
कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 13,671.18 करोड़ रुपए रहा, जो सालाना आधार पर 5.23% अधिक है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 12,991 करोड़ रुपए था। रेवेन्यू किसी कंपनी के वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री से प्राप्त कुल आय को दर्शाता है।
तिमाही आधार पर 11% कम हुआ मुनाफा
हालांकि, दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की तुलना में अडाणी पावर का नेट प्रॉफिट 11% गिरा है। दूसरी तिमाही में कंपनी ने 3,298 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था। दूसरी ओर, ऑपरेशनल रेवेन्यू में 2.49% की बढ़ोतरी हुई, जो दूसरी तिमाही में 13,339 करोड़ रुपए था।
क्या होता है कॉन्सोलिडेटेड मुनाफा?
किसी कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन को दो भागों में रिपोर्ट किया जाता है – स्टैंडअलोन और कॉन्सोलिडेटेड। स्टैंडअलोन रिपोर्ट में केवल एक सेगमेंट का प्रदर्शन दिखाया जाता है, जबकि कॉन्सोलिडेटेड रिपोर्ट में कंपनी के सभी यूनिट्स का समग्र प्रदर्शन शामिल होता है।
शेयर बाजार में कंपनी के प्रदर्शन पर असर
अडाणी पावर के तिमाही नतीजों के बाद इसके शेयर में तेजी देखी गई। सोमवार (29 जनवरी) को यह 5.04% बढ़कर 522 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। हालांकि, पिछले छह महीनों में कंपनी के शेयर में 27.10% की गिरावट आई है। एक साल में यह 8.45% गिरा है, जबकि पिछले एक महीने में इसमें 3.19% की बढ़त देखी गई। फिलहाल, अडाणी पावर का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 2.02 लाख करोड़ रुपए है।
1996 में हुई थी अडाणी पावर की स्थापना
अडाणी पावर लिमिटेड की स्थापना 22 अगस्त 1996 को हुई थी। यह भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की थर्मल पावर उत्पादक कंपनी है, जिसकी कुल उत्पादन क्षमता 15,250 मेगावॉट है। कंपनी के थर्मल पावर प्लांट गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड में स्थित हैं। इसके अलावा, गुजरात में 40 मेगावॉट क्षमता का एक सोलर पावर प्लांट भी है।
अडाणी पावर क्योटो प्रोटोकॉल के क्लीन डेवलपमेंट मिशन (CDM) के तहत रजिस्टर्ड कोयला-आधारित सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स विकसित करने वाली प्रमुख कंपनियों में शामिल है।