बिग बॉस 18 के विजेता करण वीर मेहरा: माता-पिता के संस्कारों ने दिलाई जीत, सही फैसलों ने बनाई राह

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टीवी इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता करण वीर मेहरा ने बिग बॉस 18 का खिताब अपने नाम किया। उन्हें 50 लाख रुपये की नकद राशि और चमचमाती ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। अपनी इस ऐतिहासिक जीत पर दैनिक भास्कर से हुई खास बातचीत में करण ने अपने अनुभव साझा किए।

जीत पर भावनाएं

करण वीर ने कहा, "बिग बॉस 18 को मैं खेल नहीं मानता। यह एक रियलिटी शो था, जहां मैंने अपनी असली जिंदगी जी। लोग इसे खेल मानते हैं, लेकिन मेरे लिए यह खुद को परखने और अपने असली व्यक्तित्व को सामने लाने का एक जरिया था। टास्क के दौरान यह खेल जैसा लगता था, लेकिन बाकी समय यह जिंदगी जीने का एक अनूठा अनुभव था।"

संस्कारों की भूमिका

करण वीर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता से मिले संस्कारों को दिया। उन्होंने कहा, "मुझे अपने परिवार और शिक्षकों से जो मूल्य और सीख मिलीं, उन्होंने इस सफर को आसान बनाया। अगर मैंने दोस्तों की सुनी होती और उनके कहने पर लड़ाई-झगड़े में पड़ता, तो शायद आज मैं यह ट्रॉफी नहीं जीत पाता।"

पर्सनल लाइफ पर टिप्पणियों का सामना

जब उनसे पूछा गया कि व्यक्तिगत जीवन को लेकर शो में की गई टिप्पणियों का सामना कैसे किया, तो करण ने जवाब दिया, "मैं बहुत दृढ़ हूं और किसी की बातों से प्रभावित नहीं होता। मेरी सोच है कि अगर कोई ऐसी बात कहे, जो मुझसे संबंधित नहीं है, तो उस पर ध्यान देने का कोई मतलब नहीं है। लोगों की बातें एक पल की होती हैं और बाद में सब सुलझ जाता है।"

भावुक क्षण

करण वीर ने बताया कि शो में सबसे भावुक पल उनकी मां का पत्र पढ़ने का था। उन्होंने कहा, "जब मैंने उनकी लिखावट देखी, तो मैं खुद को रोक नहीं पाया। मैं अपनी जिंदगी में कभी इतना नहीं रोया, जितना इस शो के दौरान। हालांकि, अब मुझे लगता है कि भावुक होना कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत है।"

जीत की वजह

अपने जीतने की वजह बताते हुए करण वीर ने कहा, "मैंने इस शो को कभी एक खेल के रूप में नहीं देखा। मैंने इसे अपने जीवन का हिस्सा माना। मेरी सच्चाई और निडरता ने दर्शकों का दिल जीता। हर टास्क में मैंने अपनी पूरी मेहनत लगाई, जो शायद लोगों को पसंद आई।"

फैंस का धन्यवाद

करण वीर ने अपने फैंस और समर्थकों का धन्यवाद करते हुए कहा, "यह जीत सिर्फ मेरी नहीं है, बल्कि आप सभी की है। आप सभी के प्यार और समर्थन ने मुझे यहां तक पहुंचाया।"

करण वीर मेहरा की यह यात्रा दिखाती है कि सच्चाई, ईमानदारी और संस्कारों के साथ हर चुनौती को पार किया जा सकता है। उनकी जीत प्रेरणा का स्रोत है।

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