इंदौर। शहर और उसके बाहरी इलाकों में ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। अवैध पार्किंग, बायपास पर गड्ढे, ई-रिक्शा से होने वाली दिक्कतों और BRTS में निजी वाहनों की आवाजाही जैसे मुद्दों पर हाई कोर्ट में आज मंगलवार को जनहित याचिकाओं पर महत्वपूर्ण सुनवाई होगी।
हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में मेयर पुष्यमित्र भार्गव को न्यायमित्र के रूप में नियुक्त किया है। वे आज अदालत में उपस्थित रहकर अपने सुझाव व तथ्य पेश करेंगे। अदालत इस पर विस्तृत बहस करेगी।
| मुद्दा | स्थिति |
|---|---|
| बायपास की हालत | गड्ढों और अंधेरे से भरा, NHAI का हलफनामा कागजों में |
| ई-रिक्शा का प्रभाव | अव्यवस्थित संचालन से जाम और दुर्घटनाएं |
| अवैध पार्किंग | मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक को प्रभावित कर रही |
| प्रमुख सड़कों की खुदाई | महीनों से काम अधूरा, नागरिकों को परेशानी |
हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यातायात से जुड़ी समस्याएं केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि जनहित से जुड़ी अहम चुनौतियां हैं। ऐसे में निष्पक्ष और विशेषज्ञ सलाह के लिए मेयर को न्यायमित्र नियुक्त किया गया है।
एनएचएआई ने बायपास सुधारने का कई बार वादा किया लेकिन आज तक हालात जस के तस हैं। जानलेवा गड्ढे, बंद स्ट्रीट लाइट्स, और टूटी सड़कें बायपास को खतरे की सड़क बना चुकी हैं।
वहीं ट्रैफिक जवान चालान काटने में व्यस्त हैं, पर अवैध बस स्टैंड और अव्यवस्थित रिक्शा संचालन पर कोई सख्ती नहीं हो रही।
आज की सुनवाई में सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा होगी और अदालत आवश्यक निर्देश जारी कर सकती है। जनता की उम्मीदें अब अदालत की कार्यवाही पर टिकी हैं।
- बायपास पर 15 से अधिक स्थानों पर जानलेवा गड्ढे
- 100+ स्थानों पर अवैध पार्किंग की शिकायत
- ई-रिक्शा चालकों पर कंट्रोल के लिए कोई पॉलिसी नहीं
- स्ट्रीट लाइटें 60% हिस्सों में बंद
अब देखना होगा कि अदालत इस पर क्या निर्णय देती है और क्या मेयर पुष्यमित्र भार्गव अपने न्यायमित्र के दायित्व में सफल हो पाते हैं या नहीं।
