मुंबई: सरकार टैक्स कानूनों को आम जनता के लिए समझने योग्य बनाने के उद्देश्य से एक नया इनकम टैक्स बिल लेकर आई है। इस नए बिल में टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए शब्दों की संख्या 50% तक घटाई गई है और अब यह केवल 2.5 लाख शब्दों का होगा।
नया ड्राफ्ट बिल: आसान भाषा, स्पष्ट टेबल्स
फाइनेंस सिलेक्ट कमेटी के चेयरमैन बिजयंत जय पांडा ने बताया कि इस बिल में टैक्स पॉलिसी या रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन एक्ट को पढ़ना और समझना पहले से कहीं ज्यादा आसान बना दिया गया है।
कैसे तैयार हुआ नया बिल?
- 150 इनकम टैक्स अफसरों की टीम ने काम किया
- 60,000+ घंटे की मेहनत
- 20,976 ऑनलाइन सुझाव
- ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन से भी ली सलाह
बिल में क्या-क्या खास है?
- बिल 823 पन्नों से घटाकर 622 पन्नों का कर दिया गया
- सेक्शन 298 से बढ़ाकर 536 कर दिए गए
- टैक्स ईयर शब्द जोड़ा गया
- क्रिप्टो एसेट्स को भी टैक्स के दायरे में लाया गया
- टैक्सपेयर्स चार्टर जोड़ा गया
- सैलरी से जुड़ी कटौतियां एक जगह लिस्ट की गई
नई टैक्स रिजीम: अब 12.75 लाख तक टैक्स फ्री
नए टैक्स स्लैब के अनुसार, नौकरीपेशा लोगों को 12 लाख की छूट और 75 हजार स्टैंडर्ड डिडक्शन से कुल 12.75 लाख तक टैक्स नहीं देना होगा।
| क्र. स. | पुराना स्लैब | पुरानी दर | नया स्लैब | नई दर |
|---|---|---|---|---|
| 1 | ₹3 लाख तक | 0% | ₹4 लाख तक | 0% |
| 2 | ₹3-7 लाख | 5% | ₹4-8 लाख | 5% |
| 3 | ₹7-10 लाख | 10% | ₹8-12 लाख | 10% |
| 4 | ₹10-12 लाख | 15% | ₹12-16 लाख | 15% |
| 5 | ₹12-15 लाख | 20% | ₹16-20 लाख | 20% |
| 6 | ₹15 लाख से ज्यादा | 30% | ₹20-24 लाख | 25% |
| 7 | - | - | ₹24 लाख से ज्यादा | 30% |
कब से लागू होगा नया कानून?
622 पन्नों वाला यह नया इनकम टैक्स बिल 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को रिप्लेस करेगा। इस प्रस्तावित कानून को "आयकर अधिनियम 2025" कहा जाएगा और यह अप्रैल 2026 से प्रभावी हो सकता है।

