इंदौर। NEET UG 2024 परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ी के शिकार छात्रों ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। बुधवार सुबह 4 बजे ऑनलाइन याचिका दाखिल कर 47 छात्रों ने न्याय की गुहार लगाई है। ये वे छात्र हैं, जिन्होंने परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने और समय की हानि का आरोप लगाया था।
हाईकोर्ट ने दी थी राहत से इनकार, अब सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद
एक दिन पहले ही इंदौर हाईकोर्ट ने ऐसे 75 छात्रों की याचिकाएं खारिज कर दी थीं, जिन्होंने NEET UG परीक्षा दोबारा कराने की मांग की थी। कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की रिट अपील मंजूर करते हुए यह कहा था कि मामले की विशेषज्ञ समिति से जांच कराई गई थी और दोबारा परीक्षा की जरूरत नहीं मानी गई।
"हम सुप्रीम कोर्ट से न्याय चाहते हैं" — एडवोकेट मृदुल भटनागर
छात्रों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि
- “हमने आज ही अर्जेंट सुनवाई के लिए मेंशन मांगा था, लेकिन रजिस्ट्रार ने इसे अगले सप्ताह की सुनवाई में रखा है। 75 में से 47 छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, बाकी के पास अलग-अलग कारण हो सकते हैं।”
भटनागर ने कहा कि अगर कोर्ट नियमित सुनवाई के लिए तैयार होता है, तो प्रभावित छात्रों के लिए अलग से काउंसलिंग की मांग भी रखी जाएगी।
कोर्ट ने कहा: विशेषज्ञों की जांच से साफ हो चुका मामला
इंदौर हाईकोर्ट ने NTA की दलील स्वीकार करते हुए कहा कि,
- “NTA ने इस मामले में छात्रों के खिलाफ कोई रुख नहीं अपनाया, बल्कि विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र समिति गठित कर मामले की जांच कराई गई। समिति ने पुनः परीक्षा की जरूरत नहीं बताई।”
इस आधार पर अदालत ने दोबारा परीक्षा की मांग को अस्वीकार कर दिया और NTA की अपील स्वीकार कर ली।
सरकार की दलील: व्यवस्था पूरी तरह माकूल थी
भारत सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने NTA का पक्ष रखते हुए बताया कि
- “22 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी, और हर सेंटर पर पावर बैकअप समेत सभी व्यवस्थाएं थीं। जहां बिजली गुल होने की बात कही जा रही है, वहां भी वैकल्पिक व्यवस्थाएं थीं।”
वहीं छात्रों के वकील मृदुल भटनागर ने यह कहते हुए आपत्ति जताई कि
- “NTA की रिपोर्ट तथ्यहीन है। 350 करोड़ रुपये फीस के रूप में वसूले गए लेकिन अधिकांश सेंटरों पर पावर बैकअप की समुचित व्यवस्था नहीं थी। मौके पर कोई फिजिकल वेरिफिकेशन भी नहीं हुआ।”
📌 निष्कर्ष:
NEET UG 2024 की परीक्षा में हुई तकनीकी खामियों को लेकर मामला अब देश की सबसे बड़ी अदालत पहुंच गया है। हाईकोर्ट से निराश छात्रों को सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इन छात्रों की याचिका पर क्या फैसला सुनाता है, और क्या देशभर के लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ी यह बहस किसी निष्कर्ष तक पहुंचती है।


