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| हसीना ने बांग्लादेश सरकार के अंतरिम सलाहकार मोहम्मद यूनुस को चालाक बताया। कहा कि उसे कभी लोगों से मोहब्बत नहीं थी। |
गोपालगंज, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का गृहनगर है। यहां राजनीतिक संघर्ष अब सीधे सड़कों पर उतर आया है।
🔸 कैसे भड़की हिंसा?
प्रोथोम आलो न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, जब NCP की रैली आगे बढ़ रही थी, तब वहां मौजूद अवामी लीग के समर्थकों ने पुलिस पर ईंट-पत्थरों और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ लोगों ने पुलिस, सेना और प्रशासनिक वाहनों को भी निशाना बनाया।
हिंसा इतनी तीव्र थी कि सुरक्षा बलों को आंसू गैस और साउंड ग्रेनेड का भी सहारा लेना पड़ा।
🔸 सरकार की प्रतिक्रिया: कर्फ्यू और फोर्स की तैनाती
घटना के बाद देश की अंतरिम सरकार ने तत्काल एक्शन लिया। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के निर्देश पर बुधवार रात 8 बजे से 22 घंटे का कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
200 से अधिक बॉर्डर गार्ड सैनिकों को गोपालगंज में तैनात किया गया है। यूनुस ने सख्त लहजे में कहा कि
- "NCP पर हमला करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।"
🔸 पिछले साल भी हुआ था बड़ा राजनीतिक संकट
बांग्लादेश पिछले साल भी गंभीर राजनीतिक अस्थिरता से गुज़रा था।
5 अगस्त 2024 को छात्रों के बड़े आंदोलन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के घर पर हमला हुआ था। हसीना उस वक्त बांग्लादेश छोड़कर भारत भाग गईं और तब से वहीं शरण में हैं।
इस हमले के बाद अवामी लीग की 20 साल पुरानी सरकार गिर गई, और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार अस्तित्व में आई।
🔸 आरक्षण विवाद से उठा था तूफान
पूरा आंदोलन उस समय शुरू हुआ जब बांग्लादेश हाईकोर्ट ने सरकारी नौकरियों में 30% कोटा प्रणाली को फिर से लागू कर दिया था, जो पहले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए आरक्षित था।
लेकिन हसीना सरकार ने इसे हटाया, जिसके खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए और इसी ने सत्ता पलट का रूप ले लिया।
🔸 हसीना की वापसी की चेतावनी
8 अप्रैल 2024 को भारत से लाइव होकर शेख हसीना ने कहा था,
- "अल्लाह ने मुझे किसी मकसद से बचाया है, मैं लौटूंगी। जो मेरे नेताओं को निशाना बना रहे हैं, उन्हें इंसाफ का सामना करना होगा।"
हसीना ने मोहम्मद यूनुस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि
- "उसे कभी गरीबों से मोहब्बत नहीं रही। वह छोटे कर्ज़ ऊंचे ब्याज पर देकर अपनी ऐशोआराम की ज़िंदगी जी रहा है।"
📌 निष्कर्ष:
बांग्लादेश के गोपालगंज में NCP की रैली के दौरान हुई हिंसा ने साफ कर दिया है कि देश में राजनीतिक अस्थिरता और अविश्वास अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
शेख हसीना की संभावित वापसी, यूनुस सरकार के खिलाफ गुस्सा और युवाओं का बढ़ता आंदोलन — आने वाले समय में बांग्लादेश की सियासत और भी गर्मा सकती है।

