नई दिल्ली/भोपाल/जयपुर – राजस्थान समेत पश्चिमी राज्यों से आने वाली गर्म हवाओं ने मध्य प्रदेश का पारा चढ़ा दिया है। बुधवार को प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान तेजी से बढ़ा और छह जिलों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। राजधानी भोपाल में इस सीजन में पहली बार तापमान 38.8 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.3 डिग्री अधिक है।
राजस्थान में 41 डिग्री पार, लेकिन राहत के आसार
10 राज्यों में तूफान की चेतावनी
इस साल हीटवेव का असर ज्यादा होगा
मौसम वैज्ञानिक सोमा सेन रॉय ने कहा, "पश्चिमी और मध्य भारत में सामान्य से अधिक हीटवेव की स्थिति रह सकती है। 2024 भारत का सबसे गर्म साल दर्ज किया गया था, और 2025 में भी तापमान के रिकॉर्ड टूट सकते हैं।"
हीटवेव से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य
हीटवेव कब और कैसे घोषित होती है?
अगर तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री अधिक हो तो इसे हीटवेव और 6.4 डिग्री अधिक होने पर इसे गंभीर हीटवेव (सीवियर हीटवेव) कहा जाता है।
गर्मी का सीजन कब रहता है?
भारत में गर्मी के मौसम को तीन हिस्सों में बांटा जाता है:- प्री-समर (मार्च-अप्रैल) – गर्मी की शुरुआत होती है और अप्रैल के पहले सप्ताह से लू चलने लगती है।
- पीक समर (मई-मध्य जून) – इस दौरान गर्मी अपने चरम पर होती है। सूर्य भूमध्य रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ता है, जिससे तापमान तेजी से बढ़ता है।
- पोस्ट-समर (अंत जून-जुलाई) – मानसून के आगमन के साथ तापमान में गिरावट आती है, लेकिन कई बार मानसूनी चक्र में देरी के कारण जुलाई में भीषण गर्मी पड़ सकती है।
भारत में बढ़ती गर्मी और लंबे समय तक चलने वाली हीटवेव लोगों के स्वास्थ्य और जल स्रोतों पर गंभीर असर डाल सकती है। मौसम विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी है।