बैंगलोर। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के भीतर गुटबाजी और अंतर्कलह खुलकर सामने आ रही है। संगठन के अंदर जारी तनातनी अब सार्वजनिक मंचों तक पहुंच गई है। ताजा घटनाक्रम में बीजेपी सांसद डॉ. के. सुधाकर ने पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र पर तीखे आरोप लगाए हैं। सुधाकर ने आरोप लगाया कि संगठन में सिर्फ 'जी-हुजूरी' करने वालों की नियुक्ति की जा रही है और योग्य नेताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
संगठन पर लगाए तानाशाही के आरोप
पार्टी छोड़ने के संकेत
सांसद सुधाकर ने परोक्ष रूप से पार्टी छोड़ने का संकेत देते हुए कहा, "मुझे नहीं पता कि विस्फोट कब होगा, लेकिन इतना तय है कि इस रवैये से पार्टी कमजोर हो रही है। मुझे विजयेंद्र के अहंकार और कार्यशैली से घृणा है। यदि नेतृत्व अपना रवैया नहीं बदलता तो हमें कोई कड़ा कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा।" उन्होंने यह भी दावा किया कि अन्य असंतुष्ट नेताओं से उनकी चर्चा हो चुकी है और जल्द ही इस मुद्दे पर बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
विजयेंद्र पर लगातार हो रहे हमले
बीजेपी के भीतर प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र के खिलाफ असंतोष बढ़ता जा रहा है। कुछ समय पहले ही वरिष्ठ नेता और विधायक जारकीहोली ने विजयेंद्र को 'राजनीतिक रूप से अनुभवहीन' बताते हुए उन्हें 'बच्चा' करार दिया था। जारकीहोली ने आरोप लगाया कि विजयेंद्र लंबे समय तक पार्टी अध्यक्ष नहीं रह पाएंगे और उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
प्रदेश नेतृत्व की सफाई
दूसरी ओर, प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा कि कुछ नेता कांग्रेस के इशारे पर पार्टी में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची जा रही है।
बीजेपी हाईकमान के लिए बढ़ी मुश्किलें
कर्नाटक में बीजेपी के अंदरूनी कलह से पार्टी हाईकमान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पार्टी अभी हाल ही में सत्ता से बाहर हुई है और 2024 के आम चुनावों से पहले प्रदेश संगठन में जारी घमासान पार्टी की चुनावी संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है। अब देखना यह होगा कि बीजेपी नेतृत्व इस संकट को कैसे हल करता है और असंतुष्ट नेताओं को मनाने के लिए क्या रणनीति अपनाई जाती है।

