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घटनाक्रम का विवरण
यह घटना उस समय हुई जब ट्रैफिक पुलिसकर्मी अजय सिंह तोमर और सूबेदार काजिम रिजवी मधुमिलन क्षेत्र में चेकिंग अभियान पर थे। रात के समय एक तेज रफ्तार कार को रोका गया। कार में मौजूद लोगों पर शराब पीने का संदेह था, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट के लिए कहा।
कार में सवार नरेंद्र सिंह बघेल, उनके भाई अनिल और उनके दो अन्य साथी पुलिस के निर्देशों पर भड़क गए। आरोपियों ने न केवल ब्रीथ टेस्ट से इनकार किया, बल्कि पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता और गाली-गलौज शुरू कर दी। नरेंद्र सिंह बघेल ने खुद को राष्ट्रीय हिंदू परिषद का प्रदेश अध्यक्ष बताते हुए पुलिस को धमकाने की कोशिश की।
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पुलिसकर्मी से झगड़ता देख आसपास के खड़े कर्मियों से उसे छुड़ाया। |
पुलिस ने मांगी अतिरिक्त मदद
सूबेदार काजिम रिजवी ने स्थिति बिगड़ती देख वायरलेस सेट के माध्यम से छोटी ग्वालटोली थाने से मदद मांगी। तुरंत पुलिस टीम मौके पर पहुंची और चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर थाने भेज दिया।
एफआईआर दर्ज, आरोपियों पर कार्रवाई
ट्रैफिक पुलिसकर्मी अजय सिंह तोमर की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने और मारपीट के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोपियों के नाम नरेंद्र सिंह बघेल, अनिल, दिनेश कौशल और जुनेय बताए गए हैं।
कार तेज रफ्तार में चला रहे थे आरोपी
पुलिस के मुताबिक, कार को तेज रफ्तार में चलाया जा रहा था, जिससे सड़क पर अन्य लोगों की जान को खतरा हो सकता था। शराब के नशे में होने का संदेह होने पर पुलिस ने उन्हें रोककर जांच करनी चाही, लेकिन आरोपियों ने पुलिस की बात मानने से इनकार कर दिया और झगड़े पर उतर आए।
वीडियो वायरल, कानून व्यवस्था पर सवाल
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसे लेकर आम जनता में आक्रोश है। लोगों ने पुलिस पर हमला करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस का बयान
पुलिस ने कहा कि कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है। सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की अभद्रता या सरकारी काम में बाधा डालने की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।