स्कूलों की सफाई के लिए 400 अंक निर्धारित
फरवरी से शुरू होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में स्कूलों की स्वच्छता के लिए 400 अंक निर्धारित किए गए हैं। यदि स्कूलों में सफाई व्यवस्था निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं मिली, तो नगर निगम को इसके लिए माइनस अंक मिलेंगे।
इंदौर शहर में कुल 1,200 स्कूल हैं, जिनमें 80 शासकीय और 1,120 गैर-शासकीय स्कूल शामिल हैं। इन सभी स्कूलों को स्वच्छता सर्वेक्षण के दायरे में रखा गया है, और नगर निगम ने इनका डेटा अपलोड कर दिया है।
स्वच्छता सर्वेक्षण टीम का स्कूलों पर खास ध्यान
स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम इस बार स्कूलों की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देगी। भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित इस सर्वेक्षण में पहली बार स्कूलों को शामिल किया गया है, जिससे स्कूली बच्चों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।
तीन प्रमुख कैटेगरी में बंटे 400 अंक
स्वच्छता सर्वेक्षण में स्कूलों की सफाई को तीन प्रमुख कैटेगरी में बांटा गया है:
- स्कूलों की स्वच्छता – 100 अंक
- स्कूलों में अपशिष्ट प्रबंधन – 150 अंक
- शौचालयों का रखरखाव – 150 अंक
स्कूलों में शौचालयों की सफाई, कक्षाओं में गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग कूड़ेदान, छात्राओं के लिए सैनिटरी नैपकिन और उनके उचित निपटान की व्यवस्था जैसी चीजों को भी सर्वेक्षण में शामिल किया जाएगा।
स्कूलों की स्वच्छता परीक्षा इन मापदंडों पर होगी:
- ✔ लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय संचालित स्थिति में हैं? (50 अंक)
- ✔शौचालयों में प्राकृतिक प्रकाश, उचित वेंटिलेशन और सुरक्षित दरवाजे हैं? (50 अंक)
- ✔ मल कीचड़ के निपटान के लिए सुरक्षित सिस्टम अपनाया जाता है? (50 अंक)
40, 35, 35, 40 अंकों के चार बड़े सवाल:
- क्या स्कूल नगरपालिका द्वारा अंतिम संग्रहण से पहले गीला और सूखा कचरा अलग करता है? (40 अंक)
- क्या प्रत्येक कक्षा, रसोई और अन्य स्थानों पर गीले-सूखे कचरे के लिए अलग-अलग कूड़ेदान हैं? (35 अंक)
- क्या मासिक धर्म अपशिष्ट के निपटान के लिए ढक्कन वाले और विशिष्ट रंग के कूड़ेदान हैं? (35 अंक)
- क्या स्कूल अपने जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट से खाद बनाता है? (40 अंक)
नगर निगम के लिए नई चुनौती
अगर स्कूलों में गंदगी या सफाई से जुड़ी कमियां मिलीं, तो नगर निगम को माइनस अंक मिलेंगे, जिससे शहर की स्वच्छता रैंकिंग प्रभावित हो सकती है। इस बार स्कूलों की सफाई पर खास जोर रहेगा, ताकि बच्चों में स्वच्छता की आदतें विकसित की जा सकें। नगर निगम ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाए रखें ताकि इंदौर की स्वच्छता की रैंकिंग बनी रहे।